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बृजेश कुमार सिंह, पल्ली (सांबा)
Published by: विमल शर्मा
Updated Mon, 25 Apr 2022 03:30 AM IST
सार
रैली में मोदी ने आजादी के सात दशक बाद भी विकास से अछूते प्रदेश में 370 हटने के ढाई साल के भीतर लिखी गई विकास की कहानी से पूरी दुनिया को रूबरू कराया। औद्योगिक पिछड़ेपन को दूर करने और रोजगार के साधन सृजित करने की बात कहकर युवाओं को जोड़ा।



पीएम की रैली में शामिल जनसैलाब
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अनुच्छेद 370 हटने के पौने तीन साल बाद जम्मू-कश्मीर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान की सरहद से दुनिया को संदेश दे गए। पल्ली से नए जम्मू-कश्मीर की तस्वीर दिखाई। रैली में उमड़े अपार जनसमूह को देखकर बोले कि दशकों बाद ऐसा नजारा देखने को मिला है। युवाओं को पुरखों की तरह मुसीबतें न होने देने का भरोसा देकर पीएम पाकिस्तान को भी सचेत कर गए। विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा, पूरे देश में पंचायतीराज लागू होने का ढिंढोरा पीटा गया, लेकिन जम्मू-कश्मीर में त्रिस्तरीय पंचायतीराज का सपना आजादी के 75 साल बाद अब जाकर साकार हुआ है। जम्मू-कश्मीर में पंचायतीराज दिवस मनाना बड़े बदलाव का प्रतीक है। यहां पंचायती दिवस मनाकर उन्होंने दुनिया को बताने की कोशिश की कि घाटी में लोकतंत्र की जड़ें धरातल पर मजबूत हैं।
आतंकवाद का दंश झेल रहे घाटी के लोगों के घाव पर मरहम लगाया
बॉर्डर से करीब 15 किमी दूर सांबा जिले के पल्ली गांव में राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर आयोजित रैली में मोदी ने बॉर्डर से जम्मू-कश्मीर को विकास का बूस्टर डोज दिया। साथ ही आतंक पर जबर्दस्त चोट की। 370 और आतंक का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारे में 370 हटने के फायदे, ग्राम स्वराज का सपना पूरा होने समेत कई बातें कहीं। आतंकवाद का दंश झेल रहे घाटी के लोगों के घाव पर मरहम भी लगाया। एक भारत श्रेष्ठ भारत के उदाहरण से दिल की दूरियां मिटाने का आह्वान किया। दरअसल कश्मीर की दिल्ली से दिल की दूरियां होने की बात लंबे समय से सामने आती रही है।
प्रदेश से 370 हटने के ढाई साल के भीतर लिखी विकास की नई कहानी
रैली में मोदी ने आजादी के सात दशक बाद भी विकास से अछूते प्रदेश में 370 हटने के ढाई साल के भीतर लिखी गई विकास की कहानी से पूरी दुनिया को रूबरू कराया। औद्योगिक पिछड़ेपन को दूर करने और रोजगार के साधन सृजित करने की बात कहकर युवाओं को जोड़ा। आतंक का नाम लिए बगैर उन्होंने जोरदार प्रहार करते हुए घाटी के युवाओं को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि उनके पुरखों ने जितनी मुसीबतें झेलीं, उसका अंत हो गया है।
दबे कुचले व वंचित वर्ग के प्रति पीएम का खास जोर
अब उन्हें ऐसी परेशानियां नहीं झेलनी पड़ेंगी। महिलाओं व समाज के दबे कुचले व वंचित वर्ग के प्रति भी उनका खास जोर रहा। साथ ही 370 की वजह से आजादी के बाद भी अधिकारों से वंचित वाल्मीकि समाज समेत अन्य वर्गों को भी यह जताने की कोशिश की कि केंद्रीय कानून लागू होने से जम्मू-कश्मीर की बहन, बेटियों और सभी वर्गों को लाभ हो रहा है।
सीमावर्ती लोगों को भी लुभाया
प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती लोगों को भी लुभाने की कोशिश की। बताया कि सरकार ने बजट में जीवंत गांव (वाइब्रेंट विलेज) का प्रावधान किया है। इसके तहत सीमा से सटे गांवों का विकास होगा। उन्हें हर प्रकार की सुविधाओं का लाभ मिलेगा। इस योजना का फायदा जम्मू-कश्मीर को भी मिलेगा। सरकार सीमावर्ती गांवों के विकास और लोगों के जीवनस्तर को सुधारने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
बाबा साहेब के जरिये दलितों का मन टटोला
प्रधानमंत्री ने बाबा साहेब के जरिये दलितों का भी मन टटोला। जम्मू-कश्मीर में बेटियों और अन्य वर्गों को मिल रहे आरक्षण का हवाला देते हुए कहा कि सरकार के इन प्रयासों से बाबा साहेब का आशीर्वाद मिलता रहेगा।
मोदी ने सबके सामने रखा रोडमैप
केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ. बच्चा बाबू का मानना है कि 370 हटने के बाद पहली रैली में मोदी ने जम्मू-कश्मीर के विकास का रोडमैप सबके सामने रखने की कोशिश की। उन्होंने पिछले दो-तीन सालों में जम्मू-कश्मीर के विकास की रफ्तार के जरिये समाज के युवा, किसान, महिलाओं, वंचित वर्ग, 370 की वजह से अधिकारों से वंचित समाज को जोड़ने का प्रयास किया। कुल मिलाकर उन्होंने अपने संबोधन से देश-दुनिया के सामने 370 हटने के बाद विकास का सच सामने रखा।
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