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अमर उजाला नेटवर्क, कुलगाम
Published by: विमल शर्मा
Updated Sun, 24 Apr 2022 07:57 PM IST
सार
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार के अनुसार, दोनों ए श्रेणी के आतंकी थे और दक्षिण कश्मीर के कुलगाम और शोपियां जिले में वर्ष 2018 से सक्रिय थे। दोनों भोले-भाले युवाओं को आतंकी तंजीमों में शामिल करते थे।

मुठभेड़ स्थल के पास तैनात सुरक्षाबल और वाहन।
– फोटो : संवाद
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विस्तार
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के मीरहामा में शनिवार को मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकियों की पहचान हो गई है। जैश-ए-मोहम्मद के दोनों आतंकी सुल्तान पठान और जबीउल्लाह पाकिस्तान के रहने वाले थे। इनके पास से बड़ी संख्या में हथियार बरामद हुए हैं।
कुलगाम और शोपियां जिले में वर्ष 2018 से सक्रिय थे
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार के अनुसार, दोनों ए श्रेणी के आतंकी थे और दक्षिण कश्मीर के कुलगाम और शोपियां जिले में वर्ष 2018 से सक्रिय थे। दोनों के खिलाफ सुरक्षाबलों पर हमले, सुरक्षा बल के लोगों का अपहरण, नागरिक अत्याचार, आईईडी हमले, हथियार लूटपाट सहित आतंकी अपराध के मामलों का लंबा इतिहास रहा है।
मुठभेड़ स्थल से 2 एके सीरीज की राइफलें, 7 एके मैगजीन बरामद की
दोनों भोले-भाले युवाओं को आतंकी तंजीमों भर्ती करने में भी सहायक थे। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से 2 एके सीरीज की राइफलें, 7 एके मैगजीन, 9 ग्रेनेड, 2 पाउच और अन्य संदिग्ध सामान बरामद किया है।
मुठभेड़ में दोनों आतंकी मारे गए
मालूम हो कि शनिवार को मीरहामा इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के संबंध में सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया था। इसी दौरान हुई मुठभेड़ में दोनों आतंकी मारे गए थे।
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